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सत्यमेव जयते

हनु का बाल मंच
हनु का बाल मंच
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mahaBharat

एक बहुत पुराने समय की बात है। सामर्थनगर मे एक राजा था ।
उसका नाम था गौरव प्रताप सिंह उसके दो प्रमुख शत्रु थे। एक का नाम था
अग्रज और दूसरे का नाम था केशव। केशव अग्रज से कमजोर था इसलिए अग्रज
ने उसका राज छीन लिया । अग्रज उस समय का बहुत बड़ा राजा था।
उसका सपना था कि वह सारी दुनिया का राजा बन जाय।
वह बहुत ही क्रूर राजा था वह अपनी प्रजा के बुड्डे लोगो से बहुत काम लेता
उसके सैनिक लोगो से रोज कर्ज लेते और दूसरी ओर सामर्थनगर का राजा
गौरव अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखता था । उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधांए दें सके
इसके लिए वह हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलता था।एक दिन अग्रज अपने दरबार मे बैठा था।
उसने कहा- मैने पूरी दुनिया को जीत लिया।बस सामर्थनगर बाकी है। हम उस पर
कल सुबह होते ही आक्रमण कर देंगे। सुबह होते ही अग्रज
ने सामर्थनगर पर धावा बोल दिया । दोनो राजाओं मे बहुत भीषड़ लड़ाई हुई
युद्ध मे दोनो तरफ़ से तीरो की वर्षा होने लगी अग्रज बोला मुर्ख क्यो अपना
वक्त र्बबाद कर रहे हो भगवान भी मुझसे नही लड़ सकता भगवान सिर्फ़ एक
पत्थर की मूर्ति है और कुछ नही है हा, हा, हा, अग्रज का बाण जा कर गौरव को लगा वह घायल हो गया उसने साहस नही खोया वह ड़ट कर लड़ा अंत मे अग्रज को एक बाण, उसके सीने पर लगा वह मर गया और इसी के साथ सच्चाई की जीत हुई।

शिक्षा
1.हमें सदा सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए क्योकिं सच्चाई की हमेशा जीत होती है।
2.हमें भगवान पर पूरा भरोसा रखना चाहिए ।
3.हमें कभी भी साहस नही खोना चाहिए।

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